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शुभाशुभ स्वप्न विचार एवं अनिष्ट फल नाशक उपाय

स्वप्न शास्त्र में सपनों को कुल सात प्रकार की श्रेणियों में रखा गया है अर्थात 1. दृष्ट 2. श्रुत 3. अर्थभूत 4. प्रार्थित 5. कल्पित 6. भावित 7. दोषज। इनमें से प्रथम पांच प्रकार के सपनों का कोई भी शुभाषुभ फल नहीं होता। परंतु शेष दो भावित और दोषज श्रेणी के स्वप्न अपना कुछ न कुछ प्रभाव अवष्य दिखाते हैं। भावित स्वप्न वह हैं जो शुद्ध और सात्विक व्यक्तियों को देवलोक से स्वतः प्रत्यक्ष रुप से शुभ फल का संकेत देते हैं। जो विषय कभी भी ध्यान में न आया हो, उससे संबंधित स्वप्न भावित माने गये हैं। इनका शुभाशुभ फल देर-सवेर मिलता अवष्य है। बाकी सभी सपने दोषज श्रेणी के हैं।

रात्रि के प्रथम प्रहर में देखे जाने वाले स्वप्न का फल १ वर्ष पश्चात मिलता हैं। रात्रि के दुसरे प्रहर में देखे गये स्वप्न का फल छः मास में मिलता है। रात्रि के तृतीय प्रहर में देखे गये स्वप्न का फल तीन मास के बाद मिलता है। रात्रि के चतुर्थ प्रहर अथवा अन्तिम प्रहर में देखे गये स्वप्न का फल एक मास में मिलता है। सूर्योदय के कुछ पूर्व अथवा ब्रह्म मुहूर्त में देखे जाने वाले स्वप्न का फल १० दिनों में मिलता हैं। जबकि दिन में में देखे गये स्वप्न विश्वसनीय नहीं होते हैं। शुभ सांकेतिक स्वप्न देखने के बाद सोना नहीं चाहिए, शेष रात्रि में भजन, चितंन में बिताना चाहिए तथा किसी को अपना स्वप्न बताना भी नहीं चाहिए। इसके विपरीत अशुभ स्वप्न के बाद फिर सो जाना चाहिए। यदि ऐसे स्वप्न आएं तो गंगा जल सेवन करके पुनः सो जाना चाहिए। अगले दिन प्रातः सर्वप्रथम गाय, मोर, देवालय, सौभाग्यषाली नहाई-धोई श्रृंगारयुक्त स्त्री अथवा सात्विक और पूजा-पाठी ब्राह्मण आदि के दर्षनों से ऐसे सपनों का दुष्प्रभाव स्वतः ही समाप्त हो जाता है। एक रात में एक से अधिक स्वप्न आएं तो अंतिम स्वप्न ही फलदायक होगा।

शुभाशुभ स्वप्न फल


धन लाभ

अग्नि हाथ में लेना, आग लगना, कीड़े-मकोड़े देखना, आम का पेड़ देखना, पके हुए आम देखना या खाना, चंदन देखना, अनार फल प्राप्ति, मंदिर पर चढ़ना, दूध पीना, दफन विधि, शौच का जाना या लगना देखना, हाथी दिखना या हाथी पर सवार होना।

व्यवसाय, नौकरी, भाग्योदय

आग जलाते हुए देखना, अन्न दर्शन, अश्व, ऐनक देखना, कीड़े-मकोड़े बदन पर रेंगना, कड़वी चीज खाना, केला खाना या देखना, किसी को रोते हुए देखना, किसी का कत्ल करना, कुत्ते को मौत के घाट उतार देना, नमकीन/नमक खाना, चंदन लेप, गेहुं देखना, गो माता देखना, घोड़ा साज श्रृंगार किया हुआ देखना, घंटा की आवाज, मकान देखना, चंद्रकोट देखना, छाता खोलना, पहाड़ पर चढ़ना या घूमना, नयी तलवार देखना, घी पीना या मिलना, देवता, मूर्ती, धार्मिक कार्य, फुलवारी, फूल का पौधा देखना, भारद्वाज पक्षी देखना, पकोड़े खाना या देखना, प्रेत देखना, खुद रोते हुए देखना, रेस का घोड़ा, राजा, लड्डू खाना, बतक, बैल, युद्ध-लड़ाई में कत्ल होना, श्रीफल नारियल का प्रसाद मिलना देखना, सिगरेट पीना, जननेंद्रिय देखना, आसमान देखना।

विवाह/स्त्री प्राप्ति, विवाह सौख्य

खरगोश पर बैठना, तितली देखना, नवयौवना, पान खाना, बर्फ देखना, मछली देखना, लहंगा देखना, शिशु देखना, अंगूठी देखना, नारियल देना, मुर्गी देखना, गुलाबी चीजें देखना, गोल गोल देखना।

सत्ती प्राप्ति सौख्य

अंडा खाना, कैद होना, इमली खाना, तरबूज का खेत देखना, रस्सी से बांधना, जंजीर से बांधना, इंद्रिय देखना।

स्वास्थ्य लाभ - आयु वृद्धि/ रोग मुक्ति

अर्थी देखना, आंवला खाना, आत्म हत्या करना, ईमली का पेड़ देखना, चोट लगना, ज्वर पीड़ित, गड्ढ़े देखना, तैरते देखना, दवाई पीना, दरिया में नहाना, दाह संस्कार देखना, नाखून काटना, बादाम देखना, सेब देखना, बिस्तर बिछाना, आसमान में उड़ना, बाल सफेद होना, चांद देखना, पांव खाना, रोटी, ब्रेड खाना, टैंक में से पानी पीना या नहाना।

प्रवास - यात्रा

किरानी में बैठकर नदी पार करना, पैर देखना, समुद्र, दरिया देखना, स्कूटर चलाना, हरा रंग देखना, कन्या देखना, घड़ी देखना, घाट पर नहाना, धनुष खींचना, पूल देखना, बकरी देखना, स्वयं को भूखा देखना

अशुभ स्वप्न

धन हानि, धन नाश, आसमान से गिरना, बाल काटना या गिरना, दांत का गिरना, नदी के पानी को बांध डालना, बाढ़ देखना, सूर्यास्त देखना, जूआ खेलना, जेब कटना, डाकू देखना, पेड़ काटना, झाड़ू लगाना, लाल रंग देखना।

व्यवसाय हानि

कबाब खाना, घोडे+ पर से गिरना, नाला बंद देखना, धुआं देखना, प्यासा होना, नाव में बैठना, पत्थर देखना, बिल्ली देखना, बारात देखना, यंत्र देखना, विवाह देखना, आसमान में धन देखना, सूखा जंगल, बाल गिरना, कपास रुई प्राप्ति, अंधेरा, उल्लू देखना, बादल देखना, लोहा देखना।

पत्नी से कलह, विरह, दुःख

कैंची चलना, कोयला देखना, छूरी मारना, टिकट लेना, तलाक होते देखना, घोड़ा गाड़ी देखना, थप्पड़ मारना, बूढ़ी औरत देखना, वर्षा देखना, मिर्च खाना, सेहरा देखना, शिकार करना, अंगूठी बेचना, बरतन मांजना, खून देखना, स्त्री का दूध पीना, चांदी के जेवर देखना।

रोग, मृत्यु, आपत्ति 

अतिथि देखना, अंधेरा देखना, आलू देखना, ऑपरेशन देखना, उल्लू देखना, कोढ़ी देखना, ग्रहण देखना, गर्भपात, डॉक्टर देखना, तर्पण करते देखना, वर्षगांठ मनाना, सुंदर वस्त्र देखना, शीशा टूटना, जमीन खोदना, फिसल जाना, चंद्रास्त, भोजन करना, सूखा जंगल, आंख में काजल या सुरमा लगाना, तेल की मालिश करना, तारे/ग्रह गिरना, दीप बुझना, शराब पीना, पीपल के पेड़ पर चढ़ना।

अनिष्ट फल नाशक उपाय


यदि मन यह स्वीकार करे कि देखे गए स्वप्न का परिणाम अनिष्टकारी हो सकता है तो उसके निवारण का उपाय अवश्य किया जाना चाहिए। चित्रकूट वास के समय श्री राम ने भी एक स्वप्न देखा था जिसके अनिष्ट फल के निवारण हेतु उन्होंने भगवान शंकर की पूजा की थी। उचित उपाय करने से बुरे स्वप्न से होने वाला दुष्प्रभाव अत्यन्त क्षीण अथवा समाप्त हो जाता है।

यदि स्वप्न अधिक भयानक और रात्रि 12 से 2 बजे देखा जए तो तुरंत श्री शिव का नाम स्मरण करें। 'ऊँ नमः शिवाय' का जप करते हुए सो जाएं। तत्पश्चात् ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि करके शिवमंदिर में जाकर जल चढ़ाएं पूजा करें व पुजारी को कुछ दान करें। इससे संकट नष्ट हो जाता है।

यदि स्वप्न 4 बजे के बाद देखा गया है और स्वप्न बुरा है, तो प्रातः उठकर बिना किसी से कुछ बोले तुलसी के पौधे से पूरा स्वप्न कह डालें। कोई दुष्परिणाम नहीं होगा। स्नान के बाद 'ऊँ नमः शिवाय' का 108 बार जप करें।

हनुमान जी सब प्रकार का अनिष्ट दूर करने वाले हैं। बुरे स्वप्न का अनिष्ट दूर करने के लिए सुंदरकांड, बजरंग बाण, संकटमोचन स्तोत्र अथवा हनुमान चालीसा का पाठ भी सांयकाल के समय किया जा सकता है।

यदि स्वप्न बहुत बुरा है और आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है, तो सुबह उठकर सफेद काग़ज़ पर स्वप्न को लिखें फिर उसे जला दें। राख नाली में पानी डाल कर बहा दें। फिर स्नान करके एक माला शिव के मंत्र 'ऊँ नमः शिवाय' का जप करें। दुष्प्रभाव नष्ट हो जाएगा।